This is what makes us do what we do.
Rarely does a guest take so much effort to appreciate the work done by the team on ground. This is a glowing testimony for our tour manager, Arif sheikh from Mr. Ishwarsutt Mathur, who is a loyal customer and recently travelled with us. https://www.facebook.com/ishwardutt.mathur.63Thank you Sir.
मैंने लाख छुपाया दर्दो ग़म ग़ालिब । बयां कर दी सूरत ने सारी ।। जीवन के सफ़र में कुछ लोग ऐसे मिलते हैं जो हर समय दूसरों के सुख दुख का बोझा उठाते हैं । वह काम को बोझ नहीं समझते ,घर परिवार होते हुए भी उनकी जिंदगी में ठहराव नहीं होता । इसे तकदीर का फ़लसफ़ा कहें या पेट की मजबूरी ।पर हां ....जीवन की इस आपाधापी में भी वे अपना सकून ढूंढ लेते हैं । प्यार बांटते चलो ....उनका नारा है ।
यूरोप टूर का जब प्लान बनाया तो काफी डरा हुआ था । पश्चिम के रस्मोरिवाज और शिष्टाचार से थोड़ा कम वाकिफ था ..सुना भर था ।शरीके ए हयात को लेकर आखिर एक दिन दिल्ली से दुबई और दुबई से लंदन पहुंचा । बाहर निकला तो थॉमस कुक की झंडी थामे एक नौजवान को उसके नाम से पुकारा , तो सपाट जवाब मिला , मैं नहीं आरिफ उधर लिस्ट लेकर खड़े हैं । हट्टा-कट्टा गबरू जवान , कद काठी से ठीक, पर चेहरे पर कुछ रंगत कम नजर आई । आने वालों की फेहरिस्त बार-बार देख रहा था । एयरपोर्ट पर ही कोई एक घंटा बीत गया । मन में कई तरह की शंकाएं थी । फिर शुरू हुआ टूर मैनेजर जैसा बर्ताव ...कुछ हिदायतें ....पर सलीके और नफासत के साथ । पर व्यवहार दोस्ताना था ,क्योंकि कोई किसी से खुला नहीं था । डेढ़ 2 घंटे बस में चलकर होटल पहुंचे । रास्ते में टूर के लिए जो उचित समझा , बता दिया । किसी के प्रश्न थे , तो माकूल सा जवाब दे दिया ।
धीरे-धीरे टूर आगे बढ़ने लगा और आरिफ भाई टूर परिवार , जिसमें 42 सदस्य थे, के दिलो-दिमाग पर छाने लगे । हर किसी की भावनाओं की कदर करना , मृदुभाषी , सम्वेदनाओं से भरपूर , मददगार , किसी के लिए कुछ करके खुश होने वाले आरिफ इस अस्थाई परिवार के स्थाई सदस्य बन गए । रोज का सफर ,नया होटल ,दर्शनीय स्थलों का दौरा ,सामान का बस में चढ़ाना उतारना , अस्थाई परिवार के हर सदस्य की कुशल-क्षेम पूछना , तबीयत नासाज़ हो तो दवा दारू की व्यवस्था करना , अपने काम से अधिक टूर पर आए मेहमान की देखभाल करना, सबसे पहले जाग कर सारी व्यवस्थाओं को देखना और सबसे आखरी में सोना , होटल में खाना खाते समय परोसकारी करना , यहां तक कि होटल वालों का काम भी खुद ही कर लेना..... क्या क्या लिखूं.... लेकिन हर समय चेहरे पर मुस्कान और बातचीत का वही खुशनुमा अंदाज ....
एक दिन कुरेदने पर दबे स्वर में बोले," घर परिवार और बच्चों की याद किसे नहीं आती... यहां तक कि मैं त्यौहार भी घर परिवार के साथ नहीं मना पाता ...पिताजी का इंतकाल हुआ तो टूर पर ही था । बच्चों की ख्वाहिश है कि उनके पापा उन्हें घुमाने ले जाएं ....लेकिन जिस संस्था के लिए काम कर रहे हैं , वही हमारी प्राथमिकता है । अब हर 15 दिन में परिवार बदल जाता है । लोगों से प्रीत होती है ..और फिर 1 दिन अमावस्या का अंधेरा छा जाता है ..जब नया टूर शुरू होता है तो फिर चांद निकलता है......"
आरिफ के कुछ साथियों से बात की ...उनका भी यही मानना है कि हम सब में यह अपने व्यवहार के कारण काफी लोकप्रिय है । कई भाषाओं का जानकार, ज्ञान की दिमागी किताब और सबको साथ लेकर चलने की भावना रखने वाला... आरिफ अपनी मर्यादाओं को भी खूब जानता है । झुकता है तो झरना बहा दे.. और अडे तो चट्टान के माफिक...। लेकिन आरिफ संजीदा है , स्थितियों को बखूबी पहचानता है और टूर के अनुभव ने उसे आदमियों के चेहरे पढ़ने भी सिखा दिए , यह सब कुछ जानता है लेकिन बयां नहीं करता । आरिफ आदमी की औकात तौलना जानता है । आरिफ भाई का कोआर्डिनेशन गजब का है सबकुछ यंत्रवत सा चलता है । वाकई ,आरिफ भाई 15 दिन की इस यात्रा ने मुझे एक अच्छे और नेक इंसान से मिलवाया थामस कुक को आरिफ पर गर्व होना चाहिए । थॉमस कुक यूरोप आने वालों से गर्व से कहें , हमारे पास आरिफ है ।अल्लाह ताला से दुआ है वह आपको और तरक्की बख्शे । तुम प्यार बांटो और प्यार पाओ .....बहुत सी दुआओं और शुभकामनाओं के साथ......... ईश्वर दत्त माथुर
Posted On: 08 Aug 2022 11:41 AM